कोरोना : संभावनाएँ-सीमाएँ
कोरोना : संभावनाएँ-सीमाएँ बिना प्राकृतिक संपदा के भौतिक जगत के लाभ हानि के संकीर्ण कानून से वैश्विक साम्राज्य स्थापित करने वाले देशों के विरुद्ध यह जैविक जंग ही 'कोरोना' वायरस है। हवा, पानी, अग्नि, आकाश और मिट्टी से मनुष्य भी है प्रकृति भी है और सम्पूर्ण जगत के अंडज, पिंडज, उद्भिज, चराचर जी…
मांसाहार का दुष्प्रभाव है कोरोना
मांसाहार ___ ग्लोबल वार्मिंग के दुष्प्रभाव से बचने के लिये १५६ देशों के प्रतिनिधि जापान के क्यूटो शहर में जुटे थे। इन सारे देशों के वैज्ञानिक भी आये, और उन्हें जिम्मेदारी दी गयी कि वे ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ने के कारणों को बतायें, और इसे कैसे कम किया जा सकता है इसे भी बतायें। डा. आर.के.पचौरी को वैज्…
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वैश्विक मंदी में जीवन का बैलेंसशिट समृद्ध करने के उपाय
वैश्विक मंदी __पूना से इलेक्ट्रिक इंजीनियरी में स्वर्णपदक प्राप्त शिवानीजी पूना में ही आयोजित ब्रह्मकुमारी के आयोजन में मुख्य वक्ता के रूप में 'बैलेंसशिट आफ लाइफ' विषय पर बोलते हुए सभी अभ्यागतों से कहा, आज सभी अपनी जीवन यात्रा का मौन होकर अवलोकन करें। इस जीवन यात्रा में कई सुंदर और दुखद पड़…
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कोरोना है, और रहेगा, कोरोना बजट जारी होगा, गिनती बंद होगी
कोरोना है, लखनऊ (विविसं.)। विश्व की जनता की आमदनी का आधा से अधिक भाग विभिन्न प्रकार के टैक्सों में चला जाता है। शेष आय का आधा भाग पढ़ाई और दवाई में चला जाता है। आप पूछेगे फिर व्यक्ति और व्यक्ति के परिवार का अन्य खर्च कैसे चलता है ? तो इसका उत्तर है जो सरकारी अष्टि कारी/कर्मचारी और इनके समकक्ष वेतन …
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कवितालोक-काव्यशाला में डॉ मंगल का एकल काव्यपाठ
लखनऊ 27 जनवरी। अखिल भारतीय कवितालोक सृजन संस्थान के तत्वावधान में नीरव निकुंज पर 57 वीं काव्यशाला में एकल काव्य पाठ का  आयोजन किया गया। एकल कवि एवं मुख्य अतिथि डॉ. शिव मंगल सिंह मंगल और संयोजक एवं संचालक आचार्य ओम नीरव की उपस्थिति में सम्पन्न इस आयोजन की अध्यक्षता सिंधिया महाविद्यालय भिंड मध्य प्रद…
कविता 
नाले की ईंट संगमरमर  नहीं हो सकती। काले की छींट सफेदतर नहीं हो सकती। जाम से जाम टकराते मयखाने में। मय की पीक ज़मींपर नहीं हो सकती।। गदहे  दौड़  नहीं सकते घुड़दौड़ में। जंग  कभी सिर धुनकर नहीं हो सकती।। बहुतों नकलची भटकते महफिल में। मशहूर खरीदी गई हुनर नहीं हो सकती।  पैहरन नवाबी  पहनते दिखावे में। प…